Anxiety meaning aur anxiety disorder kya hai ? और क्यों होती जाने के लिए मेरी पोस्ट को पूरा पड़े !
Anxiety meaning जिसे हिंदी में चिंता कहते है ! ये चिंता क्या होती है और कैसे शुरू होती है! आज भागती-दौड़ती जिन्दगी में या कुछ ज्यादा बढ गई है ! इस का age या उम्र से कोई लेना देना नहीं है
आज कल छोटे-छोटे बच्चों को भी कोई न कोई चिंता होने लगी है !
किसी को चिंता का दौरा या anxiety attack तक आ जाता है ! जो लगातार किसी बात का मन में डर या fear का परिणाम होता है !
ये हमारी मानसिकता से जुडा हुआ है और मानसिक विक़ार भी बन सकता है!
किसी person का डर या fear किसी person या situation को लेकर जहा आने वाले time अपमान या नुकसान होने की possibility हो !
Anxiety का symptoms या चिंता के लक्षण बनती है !
इस में बहुत panic भी हो जाते जिसे से panic attack भी आ सकता है !
उस person को सांस लेने में problem होने लगती है और उस लग सकता है की वो बहुत ही जल्दी मर जायेगा !
वो बहुत बेचैन हो सकता है ये चिंता में, होने वाले person की पहचान है !
कभी-कभी ये डर सिर्फ हमारी negative सोच का परिणाम होती है और actually कोई problem नहीं होती है !
पर ये सब मन और आपकी feeling पर depend करता है! हमारी ये feeling mind ये signal देती है !
चिंता करने इन्सान आपने बीमार (illness) सा महसूस कर सकता है या आने वाले में बीमार पड़ने possibility को बढ़ देती है !
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Anxiety disorder क्या होता है ?
आज कल का माहौल (environment) में बढती हुई असुरक्षा के कारण चिंता (anxiety) या चिंता विक़ार (anxiety disorder) बहुत आम हो गया है !
हम किसी चीज़ या issues को लेकर बहुत चिंता करने लग जाते है कभी-कभी ये बहुत short time के लिए होती और कभी-कभी ये long time के लिए भी रह सकती है अगर ये लम्बे time तक है
तो ये chronic anxiety represents करती है जो हमारे life के daily routine पर effect डालती है !
जब ये बहुत बढ जाती है तो panic attack में develop हो जाती है!
जो mental disturbance या depression की वजह बन सकती है जिससे आप anxiety disorder भी कह सकते है !
normally ये smoking और drink से भी हो सकते है !
चिंता विकार के common symptoms क्या है ?
ऐसी feeling जिसमे बहुत ठंडा लग रही हो (cold extremities) और बहुत कांप (tremble ) रहे हो !
अचानक से heart में दर्द होना और कभी-कभी पेट( stomachache) में दर्द और दस्त (diarrhea) भी होने लग जाते है !
बार-बार पेशाब (urine) करने की इच्छा का होना !
हथेलियों (paam) और पैरो में सनसनी का होना !
सिर में बहुत तेज़ दर्द (aches) होना, चक्कर (dizzy) का आना या बेहोश (faint) हो जाना!
पैरो के तलवों और हथेलियों से पसीना (sweating) आने लगना !
बिना किसी ठोस reason के भी ऐसी felling होना की कुछ बुरा होने वाला है !
घुटन (suffocated) महसूस होना ये suddenly तब भी develop हो सकती है जब air की अधिकता हो!
सांस (breathing) लेने में भरीपन महसूस होना! concentrate.
आसानी से चिढ़ (irritated) जाते है और जल्दी concentrate नहीं कर पाते है! depressed
छोटी बातो पर उदास (depressed) हो जाते है! और सही से नींद भी नहीं आती है !
Anxiety disorder का इलाज़ कैसे हो सकता है ?
एक बात हमेशा याद रखे किसी भी disease की रोकथाम always better होता उसके treatment या इलाज़ से!
इसके disease के लिए मानसिक या हमारे emotion इस बीमारी की main वजह होते है ! हमारे सोचने का तरीका की चिंता के विक़ार को जन्म देता है !
दोस्तों चिंता करने से आप ज़मीन में पड़े एक पत्ते को भी हिला नहीं सकते है तो किया आपको लगता है हमें किसी बात चिंता करनी चाहिये! नहीं करनी चाहिये!
एक example ले लेते है जिससे आपको समझना आसान होगा ये anxiety meaning या anxiety disorder क्या होता है!
एक ग़रीब परिवार का लड़का जो की 12th class का student है उसको ऐसी बातें सुनने को मिलती है आज के time पर पढ लिख कर भी job नहीं मिलती है !
और ऐसी बात सुन कर वो लड़का आपने मन ऐसे negative विचारों बिठा लेता है और रोजना सोचने लगता की मुझसे 12th के बाद जॉब नहीं मिले तो या पढ़ाई करने के बाद job न मिले तो!
इसे चिंता कहते है जहा कोई कर्म की planing ना की जाए सिर्फ negative सोचता जाता है!
इसका इलाज़ आप positive सोचे और उस problem कैसे हल किया जा सकता उसकी planing बनाये!